UPI में बड़ा झटका! ₹50 बैलेंस चेक चार्ज और चार्जबैक पर नई सख्ती- UPI New Rules

Rashmi Kumari -

Published on: August 1, 2025

UPI New Rules 2025 लागू! – बैलेंस चेक लिमिट, ₹10,000 चार्जबैक कैप और ऑटो-पे स्लॉट्स के नए नियम जानें। बदलावों का असर और पूरी जानकारी पढ़ें।

भारत में डिजिटल पेमेंट का सबसे लोकप्रिय तरीका UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) है। हर दिन करोड़ों लोग Google Pay, PhonePe, Paytm और अन्य UPI ऐप्स से लेन-देन करते हैं। लेकिन बढ़ते यूज़र बेस और सिस्टम पर भारी लोड के कारण कभी‑कभी पेमेंट फेल होने, सर्वर डाउन रहने और सिक्योरिटी रिस्क जैसी समस्याएं सामने आती रही हैं।

इन्हीं समस्याओं को देखते हुए NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) ने 1 अगस्त 2025 से UPI New Rules लागू करने की घोषणा की है। इन नियमों का मकसद सिस्टम को तेज़, सुरक्षित और स्थिर बनाना है। आइए विस्तार से समझते हैं कि ये बदलाव क्या हैं और आपके लिए इनका क्या असर होगा।


1️⃣ बैलेंस चेक दिन में केवल 50 बार

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

पहले कई यूज़र्स बैलेंस बार‑बार चेक करते थे, जिससे सिस्टम पर अनावश्यक लोड बढ़ता था। अब NPCI ने इसे सीमित कर दिया है।

  • अब आप किसी भी UPI ऐप से दिन में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकेंगे
  • यदि 50 बार से ज्यादा प्रयास किया जाता है तो ऐप बैलेंस चेक ऑप्शन को ब्लॉक कर देगा।
  • इसका उद्देश्य बैकएंड API कॉल्स को कम करना और सर्वर को स्थिर रखना है।

इस UPI New Rules का असर सामान्य यूज़र्स पर नहीं पड़ेगा, क्योंकि सामान्यत: लोग दिन में 5‑10 बार से ज्यादा बैलेंस चेक नहीं करते।


2️⃣ UPI New Rules – लिंक्ड बैंक अकाउंट देखने की सीमा

कई बार यूज़र्स एक ही मोबाइल नंबर से कई बैंक अकाउंट जोड़ते हैं। बार‑बार इन्हें चेक करने से सिस्टम पर लोड पड़ता है। अब NPCI ने इसके लिए लिमिट तय कर दी है।

  • आप दिन में अधिकतम 25 बार ही लिंक्ड बैंक अकाउंट्स देख सकेंगे
  • इससे अनावश्यक API रिक्वेस्ट कम होंगी और ट्रांज़ैक्शन प्रोसेसिंग तेज़ होगी।

यह UPI New Rules खासतौर पर उन बिज़नेस यूज़र्स के लिए अहम है जो कई अकाउंट मैनेज करते हैं।


3️⃣ ऑटो-पे ट्रांज़ैक्शन के लिए तय समय स्लॉट

अब Netflix सब्सक्रिप्शन, EMI, म्यूचुअल फंड SIPs या बिजली-पानी के बिल जैसे ऑटो-पेमेंट्स के लिए निश्चित समय तय कर दिया गया है।

  • सुबह: 10 बजे से पहले
  • दोपहर: 1 बजे से 5 बजे तक
  • रात: 9:30 बजे के बाद

इन स्लॉट्स के बाहर कोई ऑटो-पेमेंट प्रोसेस नहीं होगा। इसका फायदा यह है कि पीक टाइम पर सर्वर लोड कम होगा और अन्य यूज़र्स के लिए पेमेंट फेल होने के मामले घटेंगे।


4️⃣ ट्रांज़ैक्शन स्टेटस चेक की लिमिट

कई बार ट्रांज़ैक्शन पेंडिंग या फेल हो जाता है और यूज़र बार‑बार उसका स्टेटस चेक करते हैं। इससे सिस्टम पर और लोड पड़ता है।

  • अब आप दिन में केवल 3 बार ही स्टेटस चेक कर पाएंगे।
  • हर चेक के बीच कम से कम 90 सेकंड का गैप अनिवार्य होगा।

UPI New Rules से सिस्टम ओवरलोडिंग कम होगी और बैंक सर्वर स्थिर रहेंगे।


5️⃣ पेमेंट से पहले रिसीवर का बैंक नाम दिखेगा

30 जून 2025 से लागू: अब हर बार पेमेंट करने से पहले स्क्रीन पर रिसीवर का बैंक रजिस्टर्ड नाम दिखाई देगा।

  • इससे गलत अकाउंट में पैसे भेजने से बचाव होगा।
  • फ्रॉड के मामले कम होंगे क्योंकि यूज़र पेमेंट से पहले नाम कन्फर्म कर पाएंगे।

यह फीचर खासतौर पर बड़े ट्रांज़ैक्शन के समय बेहद उपयोगी होगा।[Related-Posts]


6️⃣ चार्जबैक रिक्वेस्ट की सीमा

कई लोग बार‑बार रिफंड या चार्जबैक रिक्वेस्ट करते थे, जिससे सिस्टम पर बोझ पड़ता था।

  • अब महीने में अधिकतम 10 चार्जबैक रिक्वेस्ट की अनुमति होगी।
  • किसी एक व्यक्ति या व्यापारी के लिए अधिकतम 5 रिक्वेस्ट ही कर पाएंगे।

इससे सिस्टम का दुरुपयोग रुक सकेगा और genuine यूज़र्स के लिए रिफंड प्रोसेस तेज़ होगा।


7️⃣ बैंक और UPI ऐप्स के लिए API मॉनिटरिंग

NPCI ने सभी बैंकों और UPI सर्विस प्रोवाइडर्स को आदेश दिया है कि वे:

  • बैलेंस चेक, स्टेटस चेक और ऑटो-पे APIs को मॉनिटर करें।
  • 31 जुलाई 2025 तक सिस्टम को नए नियमों के अनुसार अपडेट करें।

यह UPI New Rules टेक्निकल स्तर पर UPI को और मज़बूत बनाएगा।


🛡️ UPI New Rules बदलावों के फायदे

इन नए नियमों के कई फायदे होंगे:

  1. बेहतर स्पीड और स्थिरता: लिमिट लगाने से सर्वर पर अनावश्यक लोड कम होगा और ट्रांज़ैक्शन तेज़ी से पूरे होंगे।
  2. ज़्यादा सिक्योरिटी: रिसीवर का बैंक नाम दिखने से फ्रॉड और गलत पेमेंट के मामले कम होंगे।
  3. रिफंड प्रोसेस में सुधार: चार्जबैक लिमिट से फर्जी रिफंड रिक्वेस्ट बंद होंगे।
  4. सभी के लिए फेयर यूज़: बिज़नेस यूज़र्स और सामान्य यूज़र्स दोनों के लिए सर्वर पर समान लोड रहेगा।

✅ यूज़र्स को क्या करना चाहिए

अगर आप UPI का इस्तेमाल करते हैं तो आपको इन नियमों का पालन करना होगा।

  • बैलेंस और अकाउंट चेक बार‑बार न करें।
  • ऑटो-पेमेंट्स को नए स्लॉट के हिसाब से सेट करें।
  • स्टेटस चेक करने के बीच 90 सेकंड का गैप रखें।
  • पेमेंट से पहले रिसीवर का नाम हमेशा वेरिफाई करें।
  • चार्जबैक रिक्वेस्ट का सही इस्तेमाल करें।

📊 UPI New Rules का सारांश

नियमनई लिमिट / बदलावलागू होने की तारीख
बैलेंस चेक50 बार प्रति दिन1 अगस्त 2025
लिंक्ड बैंक अकाउंट देखना25 बार प्रति दिन1 अगस्त 2025
ऑटो-पे ट्रांज़ैक्शनतय समय स्लॉट में ही1 अगस्त 2025
फेल/पेंडिंग ट्रांज़ैक्शन चेक3 बार प्रति दिन (90 सेकंड का अंतर)1 अगस्त 2025
रिसीवर बैंक नाम दिखनाअनिवार्य30 जून 2025 से लागू
चार्जबैक रिक्वेस्ट10 प्रति माह (प्रति व्यक्ति 5)1 अगस्त 2025
API मॉनिटरिंगबैंकों और UPI ऐप्स के लिए ज़रूरी31 जुलाई 2025 तक

📌 निष्कर्ष

UPI New Rules सामान्य यूज़र्स के लिए किसी भी तरह की परेशानी नहीं पैदा करेंगे। बल्कि ये बदलाव सिस्टम को तेज़, सुरक्षित और भरोसेमंद बनाएंगे। NPCI का लक्ष्य है कि भारत में डिजिटल पेमेंट का अनुभव और बेहतर हो।

अगर आप UPI का सही तरीके से इस्तेमाल करेंगे, तो ये बदलाव आपके लिए फायदेमंद साबित होंगे और लेन-देन पहले से ज्यादा तेज़ और आसान हो जाएगा।

Read Also – रक्षाबंधन पर सरकार का गिफ्ट पैक तैयार, DA बढ़ोतरी की चर्चा ज़ोरों पर

Rashmi Kumari

मेरा नाम Rashmi Kumari है , में एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कुछ वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रही हूं। फिलहाल, मैं Vivekananda Matric School पर तकनीकी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विषयों पर आर्टिकल लिख रही हूं। मेरा उद्देश्य हमेशा जानकारी को सरल और आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करना है, ताकि पाठक उसे आसानी से समझ सकें और उसका लाभ उठा सकें।

Leave a Comment

WhatsApp Icon Join WhatsApp Group