Sensex-Nifty:शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव तो रोज़ की बात हो गई है, लेकिन जब लगातार चार दिन की बढ़त के बाद अचानक बाज़ार थमता है, तो हर निवेशक का दिल थोड़ा धड़कता ज़रूर है। 30 जून 2025 का दिन भी कुछ ऐसा ही रहा। जहां एक ओर सेंसेक्स और निफ्टी की चाल धीमी पड़ी, वहीं मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने उम्मीद की एक नई किरण दिखाई। चलिए जानते हैं आज के बाजार की पूरी तस्वीर को आसान और भावनात्मक भाषा में।
Table of Contents
थमी बड़ी कंपनियों की रफ्तार, पर छोटे शेयरों ने दिखाया दम

सोमवार को शेयर बाजार की बड़ी सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी ने चार दिनों की लगातार बढ़त को विराम दे दिया। सेंसेक्स 452 अंक टूटकर 83,606.46 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 121 अंकों की गिरावट के साथ 25,517.05 पर आकर थम गया। लेकिन इससे अलग, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में उत्साह साफ झलक रहा था। बीएसई मिडकैप इंडेक्स में 0.67% और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.81% की बढ़त दर्ज हुई।
बाजार पूंजीकरण में दिखा सुधार, निवेशकों की जेब हुई भारी
हालांकि बड़े इंडेक्स में गिरावट देखने को मिली, लेकिन मिड और स्मॉलकैप शेयरों की मजबूती ने बाज़ार को थाम लिया। बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 460 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 461 लाख करोड़ रुपये हो गया। इसका सीधा फायदा निवेशकों को हुआ और एक ही दिन में निवेशकों की संपत्ति में 1 लाख करोड़ रुपये का इज़ाफा हुआ।
क्यों गिरा आज बाजार
आज की गिरावट के पीछे मुख्य कारण था कुछ बड़ी कंपनियों में मुनाफावसूली। रिलायंस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे दिग्गज शेयरों में निवेशकों ने हालिया तेजी के बाद मुनाफा बुक किया, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट आई।
हालांकि बाजार का मीडियम-टर्म आउटलुक अब भी सकारात्मक है। निवेशक अमेरिका और भारत के बीच व्यापार वार्ता की ताजा अपडेट और Q1 रिजल्ट सीजन की शुरुआत का इंतजार कर रहे हैं। जानकारों का मानना है कि ग्लोबल सेंटिमेंट फिलहाल इक्विटी के पक्ष में है, खासकर मिडिल ईस्ट में घटते तनाव और अमेरिका-भारत ट्रेड डील की उम्मीदों के चलते।[Related-Posts]
जून में भी निफ्टी ने निभाई दमदार भूमिका

महीने के स्तर पर देखें तो जून 2025 में निफ्टी ने लगातार चौथे महीने हरे निशान में क्लोजिंग दी है। इस महीने इंडेक्स में कुल 3% की बढ़त दर्ज हुई है। वहीं अगर पूरे साल की बात करें तो 2025 की शुरुआत से अब तक निफ्टी ने 7.5% की बढ़त हासिल की है, जो निवेशकों के आत्मविश्वास को दर्शाता है।
आज का बाजार यह सिखाता है कि हर तेजी के बाद एक विराम ज़रूरी होता है। हालांकि सेंसेक्स और निफ्टी ने ब्रेक लिया, लेकिन मिड और स्मॉलकैप शेयरों ने एक बार फिर साबित किया कि सटीक समय पर किए गए निवेश हमेशा फायदा देते हैं। भविष्य को लेकर उम्मीदें कायम हैं, और भारतीय शेयर बाजार की यह स्थिरता निवेशकों को एक सुरक्षित भविष्य की दिशा में ले जा रही है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। निवेश से जुड़ा कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह ज़रूर लें। शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है।