SBI: हर इंसान अपने भविष्य को सुरक्षित और बेहतर बनाने के लिए आज की मेहनत को कल की गारंटी में बदलना चाहता है। ऐसे में फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी लोगों के बीच सबसे भरोसेमंद निवेश विकल्पों में से एक मानी जाती है। जब बात हो देश के सबसे बड़े और विश्वसनीय बैंकों की, तो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) का नाम सबसे ऊपर आता है। लेकिन हाल ही में एसबीआई की एफडी स्कीम से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है, जो निवेश करने वाले लाखों लोगों के लिए थोड़ा चिंता का कारण बन सकती है।
एसबीआई ने अप्रैल 2025 में अपनी एफडी स्कीम की ब्याज दरों में कटौती करने का फैसला किया, जिसे 15 अप्रैल से लागू भी कर दिया गया है। इस बदलाव के बाद निवेशकों को पहले के मुकाबले कम ब्याज मिलने वाला है। खासकर 1 से 3 साल तक की एफडी पर ब्याज दर में 0.10% की कमी कर दी गई है, जिसका सीधा असर उन ग्राहकों पर पड़ेगा, जो इस अवधि में निवेश करने की योजना बना रहे हैं।
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निवेशकों पर कैसा पड़ेगा असर

ब्याज दरों में कटौती का सीधा मतलब है कम रिटर्न। यही वजह है कि अब कई निवेशक एफडी से दूरी बना रहे हैं और पोस्ट ऑफिस की योजनाओं या म्यूचुअल फंड जैसे विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। कुछ लोगों के लिए यह केवल एक छोटा सा प्रतिशत हो सकता है, लेकिन अगर आप बड़ी राशि निवेश करते हैं तो यह फर्क लाखों में महसूस हो सकता है।
पहले जहां एसबीआई की एफडी स्कीम एक मजबूत और स्थिर विकल्प मानी जाती थी, अब ब्याज दर में कमी ने इस भरोसे को थोड़ा कमजोर किया है। हालांकि बैंक की सुरक्षा और विश्वास आज भी कायम है, लेकिन रिटर्न की गणना अब नए सिरे से करनी होगी।
किस अवधि पर कितना मिलेगा ब्याज
अगर आप अभी एफडी कराने की सोच रहे हैं तो यह जानना जरूरी है कि किस अवधि पर आपको कितना ब्याज मिलेगा। उदाहरण के तौर पर, 7 से 45 दिनों की एफडी पर अब सिर्फ 3.50% का रिटर्न मिलेगा। वहीं 1 से 2 साल के लिए ब्याज दर 6.90% से घटाकर 6.80% कर दी गई है। तीन से पांच साल की अवधि के लिए यह दर 6.75% रखी गई है।
लंबी अवधि यानी 5 से 10 साल की एफडी पर आपको 6.50% का ब्याज मिलेगा। यानी जहां निवेश का समय बढ़ेगा, वहां ब्याज दर थोड़ा बेहतर नजर आएगी, लेकिन पहले जितनी नहीं।
क्यों घटाई गई ब्याज दर
ब्याज दरों में कटौती का एक बड़ा कारण है देश की मौद्रिक नीति और रिजर्व बैंक की ब्याज दरें। बैंकिंग व्यवस्था में नकदी प्रवाह को संतुलित करने के लिए ऐसे फैसले अक्सर लिए जाते हैं। इससे बैंक अपने मार्जिन को नियंत्रित करते हैं और देश की वित्तीय स्थिरता को बनाए रखते हैं।[Related-Posts]
लेकिन आम लोगों के नजरिए से देखा जाए तो इसका असर सीधे उनके रिटर्न पर पड़ता है। खासकर उन बुजुर्गों और मध्यमवर्गीय परिवारों पर, जो अपनी बचत को सुरक्षित रखने और भविष्य के लिए स्थायी आमदनी का जरिया बनाने के लिए एफडी पर निर्भर करते हैं।
अब क्या है निवेशकों के लिए विकल्प

यदि आप एफडी स्कीम में निवेश की योजना बना रहे हैं, तो मौजूदा ब्याज दरों को ध्यान में रखते हुए ही फैसला लें। पोस्ट ऑफिस की एफडी स्कीम और अन्य सरकारी बचत योजनाएं फिलहाल ज्यादा रिटर्न दे रही हैं। साथ ही कुछ बैंक भी बेहतर ब्याज दर की पेशकश कर रहे हैं।
इस समय सही निवेश का चुनाव करना जरूरी है, ताकि आपकी पूंजी सुरक्षित भी रहे और अच्छा रिटर्न भी मिल सके। एसबीआई की विश्वसनीयता पर कोई सवाल नहीं है, लेकिन ब्याज दर कम होने के कारण बेहतर विकल्पों की तलाश करना समझदारी होगी।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से तैयार किया गया है। निवेश से जुड़ा कोई भी निर्णय लेने से पहले संबंधित बैंक शाखा या वित्तीय सलाहकार से संपर्क कर आवश्यक जानकारी प्राप्त करें। ब्याज दरें समय-समय पर बदल सकती हैं, इसलिए नवीनतम अपडेट के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर नजर बनाए रखें।