New LPG prices raise: हर महीने की शुरुआत एक उम्मीद के साथ होती है कि खर्चे काबू में रहेंगे, लेकिन जब रसोई गैस यानी एलपीजी की कीमतों में बदलाव होता है, तो पूरे घरेलू बजट पर इसका असर पड़ता है। 4 जुलाई 2025 को जब एलपीजी की नई दरों की घोषणा हुई, तो यह खबर हर गृहिणी, नौकरीपेशा व्यक्ति और बजट को लेकर चिंतित हर इंसान के दिल तक पहुंच गई। आखिर गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतें सिर्फ एक आंकड़ा नहीं होतीं, ये हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी को सीधा प्रभावित करती हैं।
New LPG prices raise: अब आपके शहर में कितनी है एलपीजी की कीमत

इस बार लगभग सभी बड़े शहरों में ₹10 की बढ़ोतरी देखी गई है, जिससे दिल्ली में अब कीमत ₹860 हो गई है, मुंबई और पुणे में ₹870, कोलकाता में ₹875 और हैदराबाद में ₹880 पहुंच गई है। इस छोटे से बदलाव ने भी आम लोगों के बजट में खलबली मचा दी है, खासकर उन परिवारों के लिए जिनकी मासिक आमदनी सीमित है।
New LPG prices raise: क्यों बढ़ रही हैं एलपीजी की कीमतें
एलपीजी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल के भाव, डॉलर-रुपया विनिमय दर और सरकारी सब्सिडी जैसे कारकों पर निर्भर करती हैं। इस बार वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल और सब्सिडी में संभावित कटौती के कारण देशभर में एलपीजी के रेट बढ़ गए हैं। सरकार का यह भी कहना है कि सब्सिडी का लाभ अब केवल जरूरतमंद लोगों को मिलेगा, जिससे आम उपभोक्ताओं को सीधा असर झेलना पड़ रहा है।
New LPG prices raise: घरेलू बजट पर कैसा है असर
हर महीने की शुरुआत में गैस सिलेंडर की बढ़ी हुई कीमतें खाना पकाने के खर्च को बढ़ा देती हैं। जिन घरों में पहले से ही बजट तंग है, वहां अब अन्य खर्चों में कटौती करनी पड़ रही है। यही वजह है कि अब लोग वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों जैसे सोलर कुकर्स या इंडक्शन स्टोव की ओर रुख कर रहे हैं ताकि गैस पर निर्भरता थोड़ी कम हो सके।
New LPG prices raise: क्या सब्सिडी से मिल सकती है राहत
सरकारी सब्सिडी अभी भी मौजूद है, लेकिन इसके लिए पात्रता मानदंड सख्त हो चुके हैं। अगर आप पात्र हैं, तो आपके खाते में सब्सिडी की राशि सीधे ट्रांसफर होती है। लेकिन कई बार सब्सिडी में देरी या बंद होने की शिकायतें भी सामने आती हैं। ऐसे में उपभोक्ताओं को अपने नजदीकी गैस एजेंसी से जानकारी लेकर सही प्रक्रिया का पालन करना चाहिए।[Related-Posts]
New LPG prices raise: वैकल्पिक उपायों की तलाश ज़रूरी

महंगाई को देखते हुए अब सिर्फ शिकायत करना काफी नहीं है, बल्कि समझदारी से विकल्प तलाशना ज़रूरी हो गया है। सोलर कुकिंग, बायोमास ब्रिकेट्स या इलेक्ट्रिक कुकर जैसे विकल्पों का प्रयोग कर आप अपने खर्च में थोड़ी राहत पा सकते हैं। साथ ही मासिक बजट को एक बार फिर से समीक्षा कर, अनावश्यक खर्चों पर लगाम लगाना भी बेहद जरूरी है।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दी गई कीमतें विभिन्न समाचार स्रोतों और आधिकारिक घोषणाओं पर आधारित हैं। किसी भी निर्णय से पहले कृपया अपने शहर के अधिकृत एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर या सरकारी वेबसाइट से पुष्टि करें। लेखक या प्रकाशक किसी भी प्रकार की वित्तीय हानि के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।