F-35 vs Su-57: भारत के अगले फाइटर की कीमत 8000 करोड़ तक, 5वीं पीढ़ी की ताकत से लैस होगा देश

Published On: July 9, 2025
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F-35 vs Su-57: शक के बाद भी उम्मीद बाकी होती है। इस समय भारतीय वायुसेना की ताकत को लेकर जब सामने एक नई खबर आती है कि देश 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट खरीदने की योजना बना रहा है, तो हर देशभक्त का दिल गर्व से भर उठता है। हाल ही में रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने स्पष्ट किया है कि इंडियाई मेड AMCA प्रोजेक्ट आगे बढ़ेगा, लेकिन इसे जल्द तैयार करने में लगभग 10 साल का समय लगेगा। तब तक वे अंतरिम अवधि के लिए विदेशी फाइटर जेट्स पर बातचीत कर रहे हैं।

5वीं पीढ़ी के विकल्पों पर विचार

रक्षा सचिव ने CNBC‑TV18 से बातचीत में कहा कि वो अमेरिकी F‑35 और रूसी Su‑57E जैसे प्लेटफॉर्म्स पर “नाजुक बातचीत” कर रहे हैं। हालांकि यह दौर प्रारंभिक स्तर पर ही है और मीडिया में इसे लाने की फिलहाल योजना नहीं है। बातचीत अभी उस स्थिति में नहीं पहुंची जब इसे सार्वजनिक घोषित किया जा सके।

AMCA और विदेशी जेट्स दोनों का फॉर्मूला

AMCA यानी Advanced Medium Combat Aircraft भारतीय तकनीक का स्वाभिमान है, जिसे 10 साल में विकसित होने का अनुमान है। राजेश सिंह ने स्पष्ट किया कि AMCA प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाते हुए ही यह कोशिश की जा रही है कि देश की रक्षा को जल्द मजबूत करने के लिए विदेशी जेट्स भी लाए जाएं।

रूस या अमेरिका कौन है तैयार

रूस ने Su‑57 के टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और HAL के साथ को‑प्रोडक्शन का ऑफर दिया है, जबकि अमेरिका ने F‑35 के लिए बातचीत की संभावना जताई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की भी F‑35 की बिक्री को लेकर सहमति थी, लेकिन ये पत्राचार तक सीमित रही वहीं संयुक्त बयान में इसके नाम की विशेष घोषणा नहीं हुई मगर तकनीकी सहयोग बढ़ाने की बात जरूर हुई।

इंडियन एयर फोर्स की जरूरत

वर्तमान समय में भारतीय वायुसेना की सक्रिय स्क्वाड्रन संख्या मात्र 31 है, जबकि मंज़ूरशुदा संख्या 42.5 है। इसलिए ऐसे समय में जब पड़ोसी देश लगातार अपनी हवाई ताकत को तेज़ कर रहे हैं, तब भारत को अंतरिम समाधान ढूंढना आवश्यक हो गया है।

आगे की राह कैसी रहेगी

रक्षा सचिव के शब्दों में, “हम मीडिया में हर जानकारी नहीं देंगे। जब कोई निर्णायक कदम उठेगा। जैसे AoN, RFP या कॉन्ट्रैक्ट, तब जनता को बताएं‌गे।” इसका मतलब यह है कि अभी बातचीत का दौर शुरू हुआ है, लेकिन अभी कोई फाइनल निर्णय नहीं लिया गया।[Related-Posts]

भावुक नजरिए से राष्ट्र की रक्षा का सवाल

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हर देशभक्त की दिली ख्वाहिश होती है कि देश की रक्षा मजबूत हो और सीमा पर तैनात जवानों को बेहतरीन सुरक्षा मिले। AMCA का निर्माण तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, लेकिन अंतरिम ज़रूरतों को पूरा करने के लिए अभी विदेशी विकल्प तलाशना मजबूरी है। यह निर्णय वाकई भारत की सुरक्षा की चिंता का सुंदर परिचय है।

अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचना देने के लिए लिखा गया है और इसमें प्राप्त जानकारी सार्वजनिक एवं मीडिया स्रोतों पर आधारित है। यहाँ प्रस्तुत कोई भी बात आधिकारिक घोषणा नहीं है। किसी भी सुरक्षा नीति या खरीद संबंधी निर्णय के लिए कृपया आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें।

Rashmi Kumari

मेरा नाम Rashmi Kumari है , में एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कुछ वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रही हूं। फिलहाल, मैं Vivekananda Matric School पर तकनीकी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विषयों पर आर्टिकल लिख रही हूं। मेरा उद्देश्य हमेशा जानकारी को सरल और आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करना है, ताकि पाठक उसे आसानी से समझ सकें और उसका लाभ उठा सकें।

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