Boeing 787 Dreamliner: एक समय का सबसे सुरक्षित विमान कैसे सवालों के घेरे में आ गया

Rashmi Kumari -

Published on: July 1, 2025

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Boeing 787 Dreamliner: हवाई सफर के प्रति हम सभी का एक अनकहा विश्वास होता है कि विमान हमें सुरक्षित मंज़िल तक पहुंचा देगा। और जब विमान का नाम हो बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, तो यह विश्वास और भी गहरा हो जाता है। लेकिन जून 2025 की एक दुखद घटना ने इस भरोसे में एक हलचल सी पैदा कर दी है। एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171 का हादसा, जिसमें 270 से अधिक लोगों की जान चली गई, ने इस आधुनिक विमान की सुरक्षा को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं।

कभी सबसे सुरक्षित, अब संदेह की निगाहों में

2011 में जब Boeing 787 Dreamliner ने पहली बार व्यावसायिक उड़ान भरी थी, तो इसे हवाई यात्रा की दुनिया में क्रांति का नाम दिया गया था। हल्के कंपोज़िट मटेरियल, जबरदस्त ईंधन दक्षता और लंबी दूरी तय करने की क्षमता इन सबने इसे तकनीक का चमत्कार बना दिया था। लगभग 16 वर्षों तक इस विमान ने एक भी जानलेवा दुर्घटना के बिना उड़ानें भरीं, जो अपने आप में एक अद्भुत रिकॉर्ड था।

निर्माण प्रक्रिया में उभरीं गंभीर खामियाँ

हालांकि 2019 के बाद से कई अंदरूनी जानकारों और इंजीनियरों ने ड्रीमलाइनर के निर्माण से जुड़ी कई गंभीर समस्याओं को उजागर किया। रिपोर्टों के अनुसार, दक्षिण कैरोलिना स्थित बोइंग के प्लांट में गुणवत्ता जांच में चूक, दोषपूर्ण पुर्जों का उपयोग और निरीक्षण में लापरवाही जैसी शिकायतें लगातार सामने आती रहीं। कुछ इंजीनियरों ने यह भी कहा कि समय बचाने के लिए ‘शॉर्टकट’ अपनाए जा रहे थे, जो विमान की दीर्घकालिक सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकते हैं।

ड्रीमलाइनर की शुरुआत और सोच

बोइंग 787 की शुरुआत एक अलग सोच से हुई थी। 9/11 के बाद बदले हुए यात्री व्यवहार और आसमान छूते तेल के दामों के बीच एयरलाइंस को ऐसे विमान की जरूरत थी जो कम खर्च में लंबी दूरी तय कर सके। पहले ‘सोनिक क्रूज़र’ नाम के एक तेज़ रफ्तार विमान की योजना थी, लेकिन बाद में कंपनी ने ऊर्जा दक्षता पर जोर दिया और ड्रीमलाइनर को जन्म दिया। इसने पारंपरिक हब-एंड-स्पोक मॉडल को दरकिनार कर डायरेक्ट लॉन्ग-रूट कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया।

एयर इंडिया की दुर्घटना के बाद उठे सवाल

Boeing 787 Dreamliner: एक समय का सबसे सुरक्षित विमान कैसे सवालों के घेरे में आ गया

एयर इंडिया फ्लाइट AI 171 के क्रैश के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि चाहे तकनीक कितनी भी उन्नत क्यों न हो, निर्माण की प्रक्रिया और गुणवत्ता जांच में अगर ढिलाई हो तो उसका परिणाम भयावह हो सकता है। अब जबकि ब्लैक बॉक्स मिल चुका है, जांच एजेंसियां वास्तविक कारणों की तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन इस हादसे ने एक ऐसी विमानी विरासत पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है जिसे कभी दुनिया की सबसे सुरक्षित माना जाता था।[Related-Posts]

बोइंग 787 ड्रीमलाइनर आज भी तकनीकी रूप से एक शानदार विमान है। लेकिन सुरक्षा केवल डिजाइन या कंपोज़िट मटेरियल से नहीं आती, बल्कि निर्माण प्रक्रिया की ईमानदारी और पारदर्शिता से आती है। यदि कंपनी अपने अंदर की खामियों को स्वीकार कर सुधार करती है, तो शायद भविष्य में यह विमान फिर से अपने गौरव को प्राप्त कर सके। लेकिन फिलहाल, यात्रियों और एयरलाइंस दोनों के मन में एक चुभता हुआ सवाल रह गया है क्या हम सच में हवा में सुरक्षित हैं?

डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जनरल जानकारी और विश्लेषण के लिए तैयार किया गया है। इसमें व्यक्त की गई बातें किसी आधिकारिक जांच या न्यायिक निष्कर्ष का हिस्सा नहीं हैं। पाठकों से अनुरोध है कि वे इस विषय में अपनी राय बनाने से पहले सभी पक्षों से जुड़ी जानकारियों को समझें।

Rashmi Kumari

मेरा नाम Rashmi Kumari है , में एक अनुभवी कंटेंट क्रिएटर हूं और पिछले कुछ वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रही हूं। फिलहाल, मैं Vivekananda Matric School पर तकनीकी, स्वास्थ्य, यात्रा, शिक्षा और ऑटोमोबाइल्स जैसे विषयों पर आर्टिकल लिख रही हूं। मेरा उद्देश्य हमेशा जानकारी को सरल और आकर्षक तरीके से प्रस्तुत करना है, ताकि पाठक उसे आसानी से समझ सकें और उसका लाभ उठा सकें।

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